Surah Al Iklash , सूरह अल इखलास हिंदी में
अस्सलामु अलैकूम
मेरे प्यारे प्यारे इस्लामीक भाईयों और बहनों। कुरआन मजीद में सूरह इखलास 112वी सूरह हैं। Surah Ikhlas को हिन्दी अरबी और इंग्लिश में लिख रहे हैं। सूरह इखलास का तर्जुमा भी साथ में हैं। जिससे सूरह इखलास को आसानी से समझने में मदद मिलेगी।
सूरह इखलास मक्की सूरह है। सूरह इखलास में 4 आयतें हैं। इखलास के मायने हैं अल्लाह तआला की इबादत करना। और इसी का दुसरा नाम तौहीद भी है। सूरह इखलास में तौहीद की तफसील बताई गई है। इसी लिए इसका नाम सूरह इखलास है। सूरह इखलास कुरआन मजीद की बहुत ही आसान और छोटी सूरह हैं। जिसे कोई भी मुसलमान भाई और बहन आसानी से याद कर सकते है।
Surah Al ikhlas in Roman Hindi ,सूरह अल इखलास हिंदी में
Bismillahir Rahamanir Rahim .
Kul huwallahu ahad. Allahussamad. Lam ya lid, wa Lam
u lad. wa Lam ya kunllahu Kufuvan Ahad.
Surah Al ikhlas roman hindi Tarjumah- Kah do ki Allah Ek hai . Allah Be Niyaz Hai. Na Uski koi Aulad hai Aur na wah kisise Paida Hua.Aur na Uske Jod ka koi hai (na uske jaisa koi hai).
सूरह अल इखलास हिंदी में- कुल्हु वल्लाहु अहद, अल्लाहु समद, लम या लिद वा लम यु लद, वा लम या कुल्लहु कुफुवन अहद।
सूरह अल सूरह अल इखलास तर्जुमा हिंदी में - (अल्लाह अज्ज वजल अपने प्यारे हबीब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से फरमाता है की।)
तुम कह दो अल्लाह एक है, अल्लाह बेनियाज़ है, न उसकी कोई औलाद, और न वह किसी से पैदा हुआ, और न उसके जोड़ का कोई है।
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Surah Ikhlas Translate-
In the name of Allah, the Entirely Merciful, the Especially Merciful.
Say, “He is Allah, [who is] One,
Allah, the Eternal Refuge.
He neither begets nor is born,
Nor is there to Him any equivalent.
Surah Ikhlas Ki Fazilat । सूरह इखलास की फजीलत
सूरह इखला की वैसे तो बहुत सारी फजीलते है। जिसमें एक ये है कि अगर कोई मुसलमान सूरह इखलास एक मर्तबा पढ़ता है तो उसे एक तिहाई कुरआन पढ़ने का सवाब मिलता है।
नबी करीम सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : क्या तुम मे से कोई इस से आजिज है की रात मे वो कुरआन ए करीम का एक तिहाई हिस्सा पढ़ ले। सहाबा कराम को ये बात मुश्किल मालूम हुई। उन्होंने ने अर्ज़ किया या रसुलूल्लाह सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम हम में से कौन ऐसी ताकत रखता है। आप सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: सूरह इखलास पढ़ना एक तिहाई कुरआन के बराबर है।
एक बार सूरह इखलास पढ़ो और एक तिहाई कुरआन पढ़ने का सवाब मिलता है। सुबहान अल्लाह। अगर आप सूरह इखलास तीन बार पढ़ ले तो इतनी अल्लाह तआला की रहमत है की पुरे कुरआन का सवाब मिल जाएगा।
हदीस मुबारका में है। के अगर कोई बन्दा फौत हो जाएं और उसके खानदान मे से कोई बन्दा 200 मर्तबा सूरह इखलास पढ़ ले। अल्लाह तआला उस मुर्दे के लिए जन्नत में घर बना देते है।
अल्लाह तआला हमें और आप सबको दीन के रास्ते पर चलने की तौफीक अता फरमाए। अमीन। या रब्बुल आलमिन।
1.https://www.rrraf.com/2024/04/surah-al-falaq-makki.html
2.https://www.rrraf.com/2024/03/blog-post.html
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